एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

मंगलवार, 5 मई 2020

कोरोना स्वामी की आरती
 
ॐ जय कोरोना हरे स्वामी जय कोरोना हरे
भक्त  जनों के संकट ,क्षण में दूर करे। ॐ।

जो दूर भीड़ से भागे ,दुःख बिनसे मन का
पास न आये कोरोना ,कष्ट न हो तन का । ॐ।

दूरी रखूँ बना कर सबके ,पास आना रिस्की
तुम बिन सुख और शांति ,आस करूँ जिसकी। ॐ।

तुम चाइना के जाये जग में, फैल रहे स्वामी
पाना मुश्किल भेद तुम्हारा ,तुम अन्तर्यामी। ॐ।

तुम हो दुःख के सागर, खुशियों के हरता
बार बार कर धोये तुमसे हर कोई डरता। ॐ।

तुम हो एक अगोचर तुमने कितने प्राण हरे
किस विधि बचें त्रास से , विनती सब ही करें। ॐ।

नालायक,दुःखदायक ,तुम हो भक्षक बहुतेरे
मैं घर में घुस बैठा ,पास न ,तुम आओ  मेरे। ॐ।

मुख  पर पट्टी बाँध ,करें सब तुम्हारी सेवा
खांसी आने ना दो ,ज्वर भी दूर करो देवा। ॐ।

यह कोरोना आरती बेबस हो जो नर गावे  
वासे वाइरस दूर रहे यह पास नहीं आवे। ॐ।

'घोटू 'कवि  रचित कोरोना आरती पूर्ण
 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-