इतिहास दुहरा रहा है
केकैयी ने,
अपने बेटे भरत को,
राजगद्दी दिलवाने के लिए,
राम को रास्ते से हटाया
चौदह वर्षों का वनवास दिलवाया
ताकि बारात के राज्याभिषेक में,
कोई आड़े ना आ पाये
सोनिया जी ने,
अपने बेटे राहुल को,
प्रधानमंत्री बनवाने को,
प्रणव को रास्ते से हटाया
उन्हें राष्ट्रपति बनवाया
ताकि राहुल के राज्याभिषेक में,
कोई आड़े ना आ पाये
क्योंकि अगली बार जब भी मौका आता
प्रणव दादा जैसा कद्दावर व्यक्तित्व,
राहुल के रास्ते में आ जाता
वैसे तो और भी कई नेता है
पर कोई कमाई में लगा है
कोई चाटुकार है,
तो कोई आरोपों के दलदल में फंसा है
राहुल को टक्कर देनेवाला कौन बचा है?
प्रणव के राष्ट्रपति बन जाने का रास्ता साफ़ है
देखो दुहरा रहा इतिहास है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
1440
-
*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
14 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।