आपकी खूबसूरती
आपको छूने से आ जाती जिस्म में गर्मी,
देख कर आँखों को ,ठंडक मिले गजब सी है
आपके पास में आने से पिघल जाता बदन,
आपके हुस्न की तासीर ही अजब सी है
आपके आते ही ,सारी फिजा बदल जाती,
आप मुस्काती हैं,तो जाता है बदल मौसम
एक खुशबू सी बिखर जाती है हवाओं में,
चहकने लगता है,महका हुआ सारा गुलशन
आप इतनी हसीं है और इतनी नाज़ुक है,
आपको छूने में भी थोडा हिचकता है दिल
आप में नूर खुदा का है,आब सूरज की,
चमक है चन्दा सी चेहरे पे,हुस्न है कातिल
बड़ी फुर्सत से गढ़ा है बनाने वाले ने,
उसमे कुछ ख़ास मसाला भी मिलाया होगा
देखता रह गया होगा वो फाड़ कर आँखें,
आपको रूबरू जब सामने पाया होगा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
ऋषि मुनि और उनका आध्यात्म
-
*' ऋषि मुनि और उनका आध्यात्म'*
इस विषय के अंतर्गत सर्वप्रथम हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि आध्यात्म क्या
है और ऋषि, मुनि, संत एवं महर्षि में मूलभूत अंत...
10 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।