एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

मंगलवार, 29 मई 2012

चलो आज कुछ तूफानी करते है

चलो  आज कुछ तूफानी करते है
होटल में पैसे उड़ाते नहीं,
गरीबों का चायपानी करते है
चलो ,आज कुछ तूफानी करते है
अनपढ़ को पढना सिखायेंगे  है हम
भूखों को खाना खिलाएंगे  हम
काला ,पीला ठंडा पियेंगे नहीं,
प्यासों को पानी पिलायेंगे हम
काम किसी के तो आ जाएगी,
दान चीजें पुरानी करतें है
चलो,आज कुछ तूफानी करते है
निर्धन की बेटी की शादी कराये
अंधों की आँखों पे चश्मा चढ़ाएं
अपंगों को चलने के लायक बनाये
पैसे नहीं,पुण्य ,थोडा  कमाए
अँधेरी कुटिया में दीपक जला,
उनकी दुनिया सुहानी करते है
चलो ,आज कुछ तूफानी करते है
बूढों,बुजुर्गों को सन्मान दें
बुढ़ापे में उनका सहारा  बनें
बच्चों का बचपन नहीं छिन सके
हर घर में आशा की ज्योति   जगे
लाचार ,बीमार ,इंसानों के,
जीवन में हम रंग भरते है
चलो,आज कुछ तूफानी करते है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-