तिलहन,दलहन और दुल्हन
लोग क्लोरोस्ट्राल से घबराते है
इसलिए तेल कम खाते है
फिर भी तेल के दाम बढे जाते है
उपज कम है,इसलिए ,मंहगी है तिलहन भी
सब तरफ दाल में काला ही काला है
मंहगाई ने सबका दम ही निकाला है
दाल बिना रोटी का सूखा निवाला है
कम होती है पैदा,मंहगी है, दलहन भी
नारी तो है देवी,नारी है मातायें
लेकिन नारी को ही,अब बेटी ना भाये
नहीं रुकी कन्या के भ्रूण की हत्याएं
हो जाएगी दुर्लभ,तब मिलना दुल्हन भी
मदन मोहन बहेती'घोटू'
अंतहीन सजगता
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अंतहीन सजगता अपने में टिक रहना है योग योग में बने रहना समाधि सध जाये तो
मुक्ति मुक्ति ही ख़ुद से मिलना है हृदय कमल का खिलना है क्योंकि ख़ुद से
मिलकर उसे...
40 मिनट पहले
सार्थक सन्देश का प्रवाह है आज की पोस्ट आभार|
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