मनुज प्रकृति से दूर गया है
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मनुज प्रकृति से दूर गया है वृक्षों के आवाहन पर ही मेघा आकर पानी
देते, कंकरीट के जंगल आख़िर कैसे उन्हें बुलावा दे दें ! सूना सा नभ तपती
वसुधा शुष्क हुई हैं ...
3 घंटे पहले
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा भी मनोवल बढाएं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा