ममता,तुम कितनी निर्मम हो
गाहे बगाहे,जब जी चाहे,
हमें डराती रहती तुम हो
ममता तुम कितनी निर्मम हो
तुम्हे पता,कितनी मुश्किल,पर
घेर लिया है सब ने मिल कर
आन्दोलन करते है अन्ना
पत्रकार है,सब चोकन्ना
भ्रष्टाचार और मंहगाई
काबू होती,नहीं दिखाई
रोज फूटते ,कांड नये है
साथी कई तिहाड़ गये है
मंहगाई हद लांघ गयी है
जनता भी अब जाग गयी है
फेल हो रहे,सभी दाव है
और अब तो सर पर चुनाव है
डगमग है कानून व्यवस्था
मै बेचारा,क्या कर सकता?
हालत बड़ी बुरी हम सबकी
ऊपर से तुम्हारी धमकी
कहती ,गठबंधन छोडोगी
बुरे वक़्त में ,संग छोडोगी
अटल साथ भी यही किया था
बार बार तंग बहुत किया था
क्या है भेद तुम्हारे मन का
धर्म न जानो,गठबंधन का
शायद इसीलिए क्वांरी हो
पर पड़ती सब पर भारी हो
देखो एसा,कभी न करना
अब संग जीना है संग मरना
कोई किसी को ,दगा न देगा
जो चाहो,पैकेज मिलेगा
मौका देख ,दिखाती दम हो
ममता तुम कितनी निर्मम हो
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
गाहे बगाहे,जब जी चाहे,
हमें डराती रहती तुम हो
ममता तुम कितनी निर्मम हो
तुम्हे पता,कितनी मुश्किल,पर
घेर लिया है सब ने मिल कर
आन्दोलन करते है अन्ना
पत्रकार है,सब चोकन्ना
भ्रष्टाचार और मंहगाई
काबू होती,नहीं दिखाई
रोज फूटते ,कांड नये है
साथी कई तिहाड़ गये है
मंहगाई हद लांघ गयी है
जनता भी अब जाग गयी है
फेल हो रहे,सभी दाव है
और अब तो सर पर चुनाव है
डगमग है कानून व्यवस्था
मै बेचारा,क्या कर सकता?
हालत बड़ी बुरी हम सबकी
ऊपर से तुम्हारी धमकी
कहती ,गठबंधन छोडोगी
बुरे वक़्त में ,संग छोडोगी
अटल साथ भी यही किया था
बार बार तंग बहुत किया था
क्या है भेद तुम्हारे मन का
धर्म न जानो,गठबंधन का
शायद इसीलिए क्वांरी हो
पर पड़ती सब पर भारी हो
देखो एसा,कभी न करना
अब संग जीना है संग मरना
कोई किसी को ,दगा न देगा
जो चाहो,पैकेज मिलेगा
मौका देख ,दिखाती दम हो
ममता तुम कितनी निर्मम हो
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
प्रभावशाली कविता.... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत प्रस्तुति, आभार.
जवाब देंहटाएंshukhar hai koi to mila naak me dam karne ko.
जवाब देंहटाएंप्रेम की उपासक अमृता जी का हौज खास वाला घर बिक गया है। कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!
जवाब देंहटाएं