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गुरुवार, 1 सितंबर 2011

दिल- ए- एहसास


                                                        
१.आपके चले आने से 
दिल को करार आ जाये 
जरा मुस्कुरा तो दीजिये 
इस महफ़िल में भी 
जान आ जाये|
                                           
                                                           
२. कहो ना कुछ पर ये 
निगाहें बोल जाती हैं 
दिल की बातें निगाहों 
से ही की जाती हैं|

                                                   
३. आँखों में बसकर 
दिल में उतर गये हो 
इस तरह तुम हमें 
अपना दीवाना कर गये हो|

दीप्ति शर्मा 

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर दीप्ति जी |
    "काव्य का संसार" में स्वागत है | साथ ही गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें |

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर भवनामई,प्रेममई प्रस्तुति /दिल को छु गई/ बधाई आपको /




    please visit my blog
    www.prernaargal.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

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