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मंगलवार, 20 सितंबर 2011

घंटा बढ़ते और समर्थक---

 





मोदी  टोपी  पहनते, क्या खो  जाता तोर ??
सेक्युलर का काला हृदय, खिट-पिट करता और |

खिट-पिट करता और, उतरती  उनकी टोपी |
वोट  बैंक  की  नीत,   बघेला   बेहद   कोपी |

कटते हिन्दू वोट, देख कर हरकत भोंदी |
घंटा  बढ़ते  और, समर्थक  मुस्लिम  मोदी ||

कट्टर हिन्दू-मुसल्मा, हैं औरन से नीक |
इंसानियत उसूल है, नहीं छोड़ते लीक |
             नहीं छोड़ते लीक, नहीं थाली के बैगन |
लुढ़क गए उस ओर, जिधर जो जमते जन-गन |
मोदी तुझे सलाम, कहीं न तेरा टक्कर |
            मूरत अस्वीकार, करे मुस्लिम भी कट्टर ||


पहन मुक़द्दस टोपियाँ, बड़ी-बड़ी सरकार |
लालू शरद मुलायमी, काँग्रेस - आधार |

काँग्रेस - आधार , पहन कर टोपी सुन्दर |
बेडा अपना पार, करें ये मस्त कलन्दर |

पर मौलाना सोच, बड़े ये भारी सरकस |
कितना की उपकार, टोपियाँ पहन मुक़द्दस ||

4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ... इन कुंडलियों में आपने भी मोदी पुराण रच डाला ..

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  2. सही कहा है कि घन्टा बढते वोट बदले में घट जाते वो अलग।

    जवाब देंहटाएं
  3. मोदी तुझे सलाम ,कहीं न तेरा टक्कर |
    मूरत अस्वीकार .करे मुसलिम भी कट्टर
    बहुत ही सटीक और सार्थक पोस्ट रविकर्जी /बहुत बधाई आपको /
    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया /आभार/

    जवाब देंहटाएं
  4. आप सभी महानुभावों का आभार ||

    जवाब देंहटाएं

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