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गुरुवार, 8 सितंबर 2011

भारत माँ रो रही



 भारत माँ रो रही
    भारत माँ रो रही अपने ही लालों की कारस्तानियाँ देखकर
 जिसके कपूत  खुश  हो रहे अपने ही देश को लूटकर     
 जहाँ देखो घोटाले हो रहे ,भ्रस्टाचारी सीना तान कर जी रहे
       देश का पैसा विदेशी बैंकों में काले धन के रूप में जमा कर रहे 
  देश के पालनहार ह़ी देश की कर रहे बर्बादी 
     भारत माँ शर्मशार हो रही देखकर इनकी कारगुजारी 
कभी भी उसके सीने पर बम फूट जातें हैं 
    निर्दोष लोगों की जान से खेल जातें हैं
    नेता घायलों को देखने  अस्पताल जातें हैं
    मृतकों के परिवारवालों को कुछ पैसे दिखाते हैं                            
जनता ,और विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखातीं हैं
मीडिया भी तीन चार दिन  टी.वी .पर दिखा कर खूब हो हल्ला मचाती है 
       फिर सब शांत हो जाता है,इंसान अपने काम में ब्यस्त हो जाता है

         रोते रह जातें हैं वो लोग जिनके परिवार का कोई मरा है,या अस्पताल में पडा हैं 
  आतंकवादी सीना ठोककर कतले- आम करने की जिम्मेदारी लेतें है  
      हमारी सुरक्षाकर्मी और सरकार फिर भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाते हैं
         आम जनता मर रही, परेशान हो रही बाकी इनकी तो मोज हो रही
      आम लोगों को एकजूट होकर अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठानी होगी
    नहीं तो अनाथ बच्चों और बिखरे परिवारों की संख्या बढती रहेगी

    यहाँ हर समय खोफ के साए में हम मरते हुए जीते रहेंगे 
     और हर धमाके के साथ अपनों को खोते रहेंगे
                  उसके कपूतों की करनी देश की जनता अपनी कुर्बानी से चुका रही
                    भारत माँ देश की दुर्दशा को देख खून के आंसू बहा रही 


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