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सोमवार, 3 दिसंबर 2012

भगवत उचाव

      पते की बात
भगवत उचाव
 तू वही करता है जो तू चाहता
मगर होता वही जो मै  चाहता
तू वही कर ,जो की मै हूँ चाहता
फिर वही होगा जो है तू चाहता
घोटू

डस्ट बिन

       पते की बात          

        डस्ट बिन
नोट दस रूपये का मुझको ,मिला,मैंने ये कहा ,
 इस तरह इतराओ मत ,कागज़ का एक टुकड़ा हो तुम
मुस्कराया नोट बोला ,दोस्त सच कहते  हो तुम ,
मगर अब तक नहीं देखी ,मैंने कोई  'डस्ट  बिन '
घोटू

प्यार और मौत

  पते की बात
प्यार और मौत
प्यार और मौत ,है ऐसे  मेहमान,जो आ जाते ,बुलाये बिन
एक  दिल ले जाता है और  एक दिल की  धड़कन
घोटू

मुश्किलें

      पते की बात
   मुश्किलें
जिंदगी में ,आधी मुश्किल ,आती है इस वास्ते ,
बिना सोचे और समझे ,काम कुछ करते है हम
और बाकी आधी मुश्किल ,आती है इस वास्ते ,
सोचते ही रहते है और कुछ नहीं करते है हम
घोटू

जेब

    पते की बात
   जेब
है अजब ये जिंदगानी ,जब थे हम पैदा हुए ,
पहले ,पहनी ,लंगोटी,उसमे न कोई जेब था
जिंदगी भर जेब भरने की कवायद में लगे,
मरे तो ओढा कफ़न, उसमे न कोई जेब था
घोटू

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