एक भला आदमी चला गया
वो कितनो को ही रुला गया
बुरा नहीं था,अच्छा था वो
कर्म वचन से,सच्चा था वो
करता सद् व्यवहार सभी से
मन में रखता प्यार सभी से
नहीं किसी से राग द्वेष था
कर्मवीर था,वो विशेष था
स्वाभिमान से भरा हुआ था
पाप कर्म से डरा हुआ था
आस्तिक,धार्मिक ईश भक्त था
सिद्धांतों में जरा सख्त था
शुभ संस्कार में पला गया
एक भला आदमी चला गया
पढ़ा लिखा था और था ज्ञानी
रहती सदा संतुलित वाणी
मधुर शांत उसका स्वभाव था
सबके ही प्रति प्रेम भाव था
की न किसी की कभी बुराई
ढूंढा करता था अच्छाई
ना पड़ता कोई विवाद में
मिलजुल रहता, सभी साथ में
उसने सबको साध रखा था
परिवार को बांध रखा था
पर कुछ हाथों छला गया
एक भला आदमी चला गया
मधु भाषी था ,व्यावहारिक था
सबसे मिलता ,सामाजिक था
धार्मिक और सदाचारी था
यारों से रखता यारी था
जिया सदा सात्विक जीवन
बहुत साफ और निश्छल था मन
लोगों के ह्रदयों में बस कर
जीवन जीया ,उसने हंसकर
लेख नीयति का पूरा करने
उसको बुला लिया ईश्वर ने
चलता फिरता भला गया
एक भला आदमी चला गया
मदन मोहन बाहेती घोटू
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