मेरी फितरत
1
मैं सबसे प्यार करता हूं ,मेरी फितरत बड़ी सादी
मैं दादा हूं मगर दादा गिरी मुझको नहीं आती
मैं देता सबको इज्जत हूं, मुझे भी मिलती है इज्ज़त,
रहे यह जिंदगी हरदम, खुशी से यूं ही मुस्काती
2
मुझे कोई से कुछ शिकवा नहीं है ना शिकायत है
जो होता है, वह होना था, समझना मेरी आदत है
किसी से भी ,कभी कोई, अपेक्षा ना मेरे मन में,
मोहब्बत मैं लुटाता हूं ,मुझे मिलती मोहब्बत है
3
बची है जिंदगी कुछ दिन, बुढ़ापे की हकीकत है
ना देती साथ काया है, मुसीबत ही मुसीबत है
मेरा परिवार ,दोस्त और यार , लुटाते प्यार है मुझ पर ,
कमाई मैंने जीवन में ,अभी तक यह ही दौलत है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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