गणपति बाप्पा से
बरस भर में ,सिरफ दस दिन,
यहां आते हो तुम बाप्पा
जमाने भर की सब खुशियां ,
लुटा जाते हो तुम बाप्पा
तुम्हारे मात्र दर्शन से ,
कामना पूर्ण हो मन से
भावना ,भक्ति की गंगा,
बहा जाते हो तुम बाप्पा
लगा कर रोली और चंदन ,
करें तुम्हारा सब वंदन
सभी को रहना मिलजुल कर ,
सिखा जाते हो ,तुम बाप्पा
भगत सब हो के श्रद्धानत,
चढ़ाते आपको मोदक ,
समृद्धि ,सुख की परसादी ,
खिला जाते हो तुम बाप्पा
गजानन ,विघ्नहर्ता हो
सदा आनन्दकर्ता हो
विनायक हो,हमे लायक ,
बना जाते हो तुम बाप्पा
साथ दस दिन, लगे प्यारा
विसर्जन होता तुम्हारा
समाये दिल में पर रहते,
कहाँ जाते हो,तुम बाप्पा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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