घोटू के पद
व्यथा कथा
प्रीतम,तुम जागो मै सोऊँ
अपनी प्रीत गजब की ऐसी ,खुश होऊँ या रोऊँ
तुम खर खर खर्राटे भरती ,मै सपनो में खोऊँ
थकी रात को तुम जब आती,काम काज निपटा कर
इधर लिपटती ,निंदिया मुझसे ,मुझे अकेला पाकर
तुम भी सोता देख चैन से ,मुझको नहीं सताती
अपना पस्त शरीर लिए तुम,करवट ले सो जाती
और सुबह चालू हो जाता,रोज रोज का चक्कर
काम काज में तुम लग जाती,और मै जाता दफ्तर
कोई न कोई आये सन्डे को,मै कैसे खुश होऊँ
प्रीतम ,तुम जागो मै सोऊँ
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
अपने नाम पर दर्ज FIR की जानकारी हुई आसान
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अपने नाम पर दर्ज FIR की जानकारी प्राप्त करना अब आसान हो गया है ! भारत सरकार
की *CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) *सेवा के ज़रिए अब
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1 घंटे पहले
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण,सादर आभार।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति .........
जवाब देंहटाएंसाभार.....
घोटू जी शानदार | बधाई
जवाब देंहटाएंdhanywaad bandhuwar
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