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बुधवार, 13 मार्च 2013

लीन्हो वोटर मोल

     घोटू के पद
 लीन्हो वोटर  मोल

माई री  मै  तो,लीन्हो वोटर मोल
सस्तो महंगो ,कछु नहीं देख्यो,दीन  तिजोरी खोल 
आश्वासन को शरबत पिलवा ,मुंह में मिसरी घोल
वादों की रबड़ी  चटवाई ,  मीठो    मीठो     बोल 
मगर विरोधी ,दल वाले सब ,पोल रहे है खोल
टी वी पेपर वाले भी सब,रहे उडाय  मखौल 
चमचे सारे ,खनक रहे है,मेरी तारीफ़ बोल
'घोटू' अब वोटर की मर्जी ,जब होवेगा 'पोल '
ऊँट कौन करवट बैठेगा ,कोई सकत ना बोल

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

4 टिप्‍पणियां:

  1. प्रदीप जी, जन्म दिन की आप को कोटि वधाइयाँ !!!
    इस रचना में व्यंगात्मक शैली में सराहनीय ढंग से यथार्थ का उल्लेख किया है |

    कृपया ध्यान दें ! एक बहुत अच्छी रचना में छोटी सी त्रुटि की और --

    २२ जनवरी,२०१३ को प्रकाशित रचना- 'हे नेताजी ! प्रणाम करूँ' में नेता जी का जन्म दिन '२३ जनवरी १९८७' को ठीक कर लें ! मेरी समझ में जन्म का वर्ष १९८७ के स्थान पर १८८७ होना चाहिये |सुधार करने की मत्री पूर्ण सलाह है |

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  2. यही तो लोकतंत्र है ...
    बेहतरीन प्रस्तुति .

    जवाब देंहटाएं
  3. Prasoon सर कमेन्ट से पता चला कि आपका जन्मदिन है
    जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं

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