काहे बखेड़ा करते है
मोह माया के चक्कर में हम,मन को मैला करते है
खुश भी होते,परेशान भी,मुश्किल झेला करते है
ऊपर चढ़ते है इठला कर,झटके से नीचे गिरते ,
खेल सांप का और सीडी का ,हरदम खेला करते है
कोई जरा बुराई करदे ,तो उतरा करता चेहरा ,
कोई जब तारीफ़ कर देता,खुश हो फैला करते है
सब से आगे बढ़ने की है जिद हममे इतनी रहती,
सभी परायों और अपनों को,पीछे ठेला करते है
बिना सही रस्ता पहचाने ,पतन गर्द में गिर जाते,
बिना अर्थ जीवन का जाने,व्यर्थ झमेला करते है
खाली हाथों आये थे और खाली हाथों जायेंगे,
कुछ भी साथ नहीं जाता पर तेरा मेरा करते है
'घोटू'जितना भी जीवन है,हंसी ख़ुशी जी भर जी लें ,
उठक पटक में उलझा खुद को,काहे बखेड़ा करते है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
भारतीय समझदार राजनेत्री इकरा चौधरी
-
इकरा हसन आज भारतीय राजनीति में एक विख्यात और समझदार राजनेत्री के रूप
में पहचान बना रही हैं. कैराना क्षेत्र से हसन परिवार की चौथी सांसद के रूप
मे...
11 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।