चोर तुम भी ,चोर हम भी ....
चोर तुम भी,चोर हम भी,सिर्फ इतना फर्क है,
कल तलक सत्ता में थे तुम,आज हम पावर में हैं
हम भी नंगे,तुम भी नंगे,रहते है हम्माम में,
दिखावे की दुश्मनी है,दोस्त हम सब घर में है
हम हो या तुम,नहीं कोई भी धुला है दूध का
पोल एक दूसरे की,हमको तुमको है पता
सेकतें हैं,अपनी अपनी ,राजनेतिक रोटियां
चलानी है ,तुमको भी और हमको भी अपनी दुकां
ये तुम्हारा ओपोजिशन ,बंद ये,हड़ताल ये,
कैसे सत्ता करें काबिज,बस इसी चक्कर में है
एक थैली के हैं चट्टे बट्टे,हम भी,आप भी,
नौ सौ चूहे मार कर के बिल्ली है हज को चली
कोयले की दलाली में, हाथ काले सभी के,
हमारी करतूत काली ,है ये जनता जानती
'जिधर दम है,उधर दम है,एसे भी कुछ लोग है,
जिनको दाना डाल कर के,आज हम पावर में है
चोर तुम भी ,चोर हम भी,सिर्फ इतना फर्क है,
कल तलक सत्ता में थे तुम,आज हम पावर में है
भारतीय न्याय संहिता 2023 - धारा 2 (4)-भाग 5
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भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 2 (3) के बाद हम आते हैं धारा 2 (4) पर,
जिसमें भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 28 समाहित की गई है.
भारतीय दंड संहित...
52 मिनट पहले
"चोर तुम भी हो ,चोर हम भी हैं " करारा व्यंग और कडुआ सच्चाई ! बधाई !
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