दिलो दिमाग में
यूं छाया करो,
पास कभी आओ
या बुलाया करो;
वफ़ा में जाँ
हम भी दे देंगे,
बस ठेस न दो
न रुलाया करो |
अतिशय प्रेम
बस बरसाया करो,
नैनों में अपने
छुपाया करो;
दूर कर देंगे
हर शिकवा-गिला
एक अवसर तो दो
दिल में बसाया करो |
मन को न
भरमाया करो,
प्रेमगीत नित
गुनगुनाया करो;
छू कर देखो
लफ़्ज़ों को मेरे,
धड़कनों को मेरी
तुम गाया करो |
बढ़िया प्रस्तुति प्रदीप जी ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, प्यारी
जवाब देंहटाएंमनभावन रचना...
:-) :-) :-) :-) :-)
दोस्त मेरे ये प्यार ,
जवाब देंहटाएंसरे आम यूं न जाताया करो ,
बेशक आया जाया करो !
ram ram bhai
सोमवार, 17 सितम्बर 2012
कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान
http://veerubhai1947.blogspot.com/
bahut hi sundar bhaav ...
जवाब देंहटाएंkomal prastuti ...!!
shubhkamnayen ..!
सुन्दर अभिव्यक्ति -अच्छी लगी .
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट में आपका इंतजार है .जरुर आयें और अपनी राय से अवगत कराएँ.