मुहावरों में माहिर-नेताजी की तक़रीर
दोस्तों,जो भौंकते है,वो नहीं है काटते,
हम है वो जो भोंकते भी, और काटे भी बहुत
लोग कहते ,गरजते बादल बरसते है नहीं,
हम गरजते भी बहुत है,और बरसते भी बहुत
तेल नौ मन हो न हो पर नचाते है राधिका,
कितना भी आँगन हो टेड़ा,हम नचाना जानते
सच है जब चलता है हाथी,तो है कुत्ते भौंकते,
हम वो हाथी,भौंकते कुत्तों जो चिंघाड़ते
राई का पर्वत बनाना,खेल बांयें हाथ का,
ऊँट ये जीरा न खाता,नोट की ये बोरियां
चोर के घर मोर की बातें सुनी है आपने,
चोर हम वो,मोर के घर जा कर करते चोरियां
चोर की दाढ़ी में तिनका ,आयेगा कैसे नज़र,
हम तो है वो चोर जो कि दाढ़ी रखते ही नहीं
गलत करके रख दिया है,हमने ये मुहावरा,
नाग जो फुंकारते है ,वो कभी डसते नहीं
घुसे काजल कोठरी में,बिना कालिख लगाये,
कायले कि दलाली में हाथ ना काले किये
लूट का सब माल हमने ,पास अपने ना रखा ,
सभी पैसे हमने स्विस के बेंक में भिजवा दिये
आधुनिक हैं,नहीं है,हम तो लकीरों के फ़कीर,
इसलिए छोड़ी फकीरी,अमीरी से हम जिये
आपने तो हमको दी थी,एक बस केवल लकीर,
बहुत सारे जीरो हमने उसके आगे भर दिये
कम्पूटर लीजिये,लेपटोप,टी वी लीजिये,
दो रुपय्ये किलो चांवल,फ्री बिजली लीजिये
आपसे बस ये हमारी,इतनी सी दरख्वास्त है,
चाहे कुछ भी लीजिये पर वोट हमको दीजिये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
शिवभक्तों के काँवड व्रत की रक्षा के लिए सनातन धर्म है तैयार --हर हर महादेव
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( *अब प्रपत्र देगा दुकान और दुकानदार की पूरी जानकारी-shalini kaushik law
classes*)
11 जुलाई से श्रावण मास आरम्भ हो रहा है, हर साल की तरह शिव भक्त कांवड ...
14 घंटे पहले
बेहतरीन :)
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