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मंगलवार, 25 सितंबर 2012

चोर तुम भी ,चोर हम भी ....

चोर तुम भी ,चोर हम भी ....

चोर तुम भी,चोर हम भी,सिर्फ इतना फर्क है,

 कल तलक सत्ता में थे तुम,आज हम पावर में हैं
हम भी नंगे,तुम भी नंगे,रहते है हम्माम में,
दिखावे की दुश्मनी है,दोस्त हम सब घर में है
       हम हो या तुम,नहीं कोई भी धुला है दूध का
        पोल एक दूसरे की,हमको तुमको है पता
        सेकतें हैं,अपनी अपनी ,राजनेतिक रोटियां
       चलानी है ,तुमको भी और हमको भी अपनी दुकां
 ये तुम्हारा ओपोजिशन ,बंद ये,हड़ताल ये,
 कैसे सत्ता करें काबिज,बस इसी चक्कर में है
           एक थैली के हैं चट्टे बट्टे,हम भी,आप भी,
            नौ सौ चूहे मार कर के बिल्ली है हज को चली
           कोयले की दलाली में, हाथ काले सभी के,
            हमारी करतूत काली ,है ये जनता  जानती
'जिधर दम है,उधर दम है,एसे भी कुछ लोग है,
जिनको दाना डाल कर के,आज हम पावर में है
चोर तुम भी ,चोर हम भी,सिर्फ इतना फर्क है,
कल तलक सत्ता में थे तुम,आज हम पावर में है

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