याद रखे दुनिया ,तुम एसा कुछ कर जाओ
तुम्हारा चेहरा ,मोहरा और ये आकर्षण
सुन्दर सजे धजे से कपडे या आभूषण
रौबीला व्यक्तित्व,शान शौकत तुम्हारी
धन ,साधन और ये दौलत सारी की सारी
ये गाडी ,ये बंगला और ये रूपया ,पैसा
रह जाएगा पड़ा यूं ही,वैसा का वैसा
साथ निभाने वाला कुछ भी नहीं पाओगे
खाली हाथ आये थे,खाली हाथ जाओगे
नहीं रख सकोगे तुम ये सब,संग संभाल कर
एक दिन बन तस्वीर ,जाओगे टंग दीवाल पर
तुमने क्या ये कभी शांति से बैठ विचारा
तुम क्या हो और कब तक है अस्तित्व तुम्हारा
झूंठी शान और शौकत पर मत इतराओ
याद रखे दुनिया, तुम एसा कुछ कर जाओ
मोह और माया के बंधन से आकर बाहर
अपनी कोई अमिट छाप छोडो धरती पर
तुम्हारी भलमनसाहत और काम तुम्हारा
मरने पर भी अमर रखेगी,नाम तुम्हारा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पति-पत्नी की निजता व्यक्तिगत मामलों मे सीमित अधिकार -सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में दिए गए निर्णय के अनुसार अब पति-पत्नी के बीच हुई
निजी फोन कॉल की रिकॉर्डिंग को भी पारिवारिक अदालतों में सबूत के तौर पर पेश
कि...
21 घंटे पहले
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (30-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
उम्दा !!
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