पार्टी प्रवक्ता
जब भी हमारे विरोध में कोई मामला उठता है
सफाई देने के लिए हमारे पास हमारे प्रवक्ता है
एक है जो खुले आम उलटे आरोप उछालता है
एक है जो विरोधी की जन्म पत्री खंगालता है
एक है जो झूंठ बोलते समय खुदा से डरता है
इसलिए ऐसे बयान देते समय आँखें बंद करता है
हम विरोधियों का नहीं,ज्यादा संज्ञान लेते है
पानी जब सर से गुजरता है,तभी बयान देतें है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
1467-नौतपा ये आ गया है
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*गुंजन अग्रवाल **‘अनहद’*
*नौतपा ये आ गया है।*
*सनसनाती लू चली है।*
* ताप से जलती गली है। वैद्य कोई तो बुलाओ। औषधी इसकी कराओ। ताप ज्यादा छा गया
ह...
12 घंटे पहले
DHANYWAAD
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