गुरु की महिमा क्या कहूँ,
शब्दों से न कह पाते हैं;
इत्र ज्यों तन को महकाए,
ये जीवन महका जाते हैं|
जीने का ढंग बतलाते हैं,
पाठ कई सिखला जाते हैं;
अर्थ जीवन का भी बताते,
रंग कितने हैं समझा जाते हैं |
पथ-प्रदर्शक बन जीवन में,
सत्य मार्ग दिखला जाते हैं;
लक्ष्य तक कैसे हम पहुँचे ये,
शिक्षक ही सब बतलाते हैं |
तन में जैसे प्राण हैं होते,
ज्ञान त्यों मन को दे जाते हैं;
शिक्षा का ये दान हैं देते,
अंतर शुद्धि कर जाते हैं |
आदि काल से शिक्षकगण ही,
पूर्ण विकास करवा जाते हैं;
मानव वो अपूर्ण ही होता,
गुरु के बिन जो रह जाते हैं |
ईश्वर से भी बढ़कर होता,
गुरु की महिमा बतलाते हैं;
गुरु के बिन जीवन दुष्कर है,
अर्थहीन है, समझाते हैं |
सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ |
sundar rachna ..
जवाब देंहटाएंshikshak diwas ki shubhkamnayen ..!!