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सोमवार, 17 सितंबर 2012

मंहगाई ने कमर तोड़ दी

              मंहगाई ने कमर तोड़ दी

हे मनमोहन!कुछ तो सोचो,

                                 तुमने है दिल तोडा
मंहगाई ने कमर तोड़ दी,
                                 नहीं कहीं का छोड़ा
रोज रोज बढ़ते दामों का,
                               सबको लगता  कोड़ा
घोटालों से लूट देश को,
                               एसा हमें झिंझोड़ा
अब खुदरा व्यापार विदेशी,
                              हाथों में  है छोड़ा
डीजल ने दिल जला दिया है,
                             सभी चीज   का तोडा
और सातवाँ गेस सिलेंडर,
                              महंगा हुआ  निगोड़ा
लंगड़ा लंगड़ा दौड़ रहा,
                             सूरज का सातवां घोड़ा

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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