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रविवार, 20 अगस्त 2023

आया गणपति का त्योंहार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार, मनाओ उत्सव रे 

गणपति बप्पा मोरया,बार बार तू जल्दी आ

जय गणेश गणपति गजानन 
करूं आपका, मैं आराधन 
तुम सुत महादेव के प्यारे 
प्रथम पूज्य तुम देव हमारे 
एक दंत और कर्ण विशाला 
अरुण कुसुम की धारे माला
कर में कमल ,माथ पर चंदन 
भव्य रूप ,गौरी के नंदन 
तुम्हारे प्रति सबके मन मे , श्रद्धाभाव अपार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार मनाओ उत्सव रे

गणपति बप्पा मोरया, बार बार तू जल्दी आ 

तुम हो रिद्धि सिद्धि के दाता
हम सबके तुम बुद्धि प्रदाता
लाभ और शुभ, पुत्र तुम्हारे
हरते सबके संकट सारे
जब हो घर में कुछ आयोजन
देते तुमको प्रथम निमंत्रण
मिलता आशीर्वाद तुम्हारा
काम विघ्न बिन होता सारा
आशीर्वादों की वर्षा से, करते हो उपकार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार मनाओ उत्सव रे

 गणपति बप्पा मोरया बार बार तू जल्दी आ
 
लक्ष्मी साथ तुम्हारा पूजन 
दिवाली पर करें सभी जन 
सरस्वती संग साथ तुम्हारा 
सबको ही लगता है प्यारा 
दो देवी को बुद्धि बल से 
तुमने साध रखा कौशल से 
बना  संतुलन रखो विनायक 
महाकाय ,पर वाहन मूषक 
सूझ बूझ है बड़ी विलक्षण ,वंदन बारंबार मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार, मनाओ उत्सव रे

गणपति बप्पा मोरया बार बार तू जल्दी आ 


मदन मोहन बाहेती घोटू 
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोले नाथ
हे त्रिपुरारी, कृपा तुम्हारी, बनी रहे दिन रात  
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोलेनाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले

हे शंकर, बाघाम्बर धारी 
करूं आपकी पूजा न्यारी
दूध दही घी शहद शर्करा
गंगाजल से पात्र है भरा
बिलपत्तर और भांग की बूटी
अभिषेक की रीति अनूठी
अर्पित करूं पुष्प की माला और नमाऊं माथ
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोले नाथ

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले 

हे कैलाशी, काशी वासी
हे शंभू तुम हो अविनाशी
सर्प गले ,सर चंदा सजता 
डम डम डम डम डमरू बजता 
महिमा है तुम्हारी न्यारी
नंदी पर तुम करो सवारी 
डूबे रहते सदा ध्यान मे और त्रिशूल है साथ 
जय जय शंकर भोले नाथ 
जय जय शंभू भोले नाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले

आदिदेव तुम महादेव हो
सब देवों के तुम्ही देव हो
रमी भभूति तन सब अंगा
सर पर जटा, निकलती गंगा
तुम्हे पूजती दुनिया सारी
प्रभु तुम हो भोले भंडारी 
देने आशीर्वाद हमेशा, उठे तुम्हारा हाथ 
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोलेनाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले,बम बम भोले 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 17 अगस्त 2023

बातचीत 

तुम भी चुप 
मैं भी चुप 
घर में चारों तरफ मौन है पसरा 
चलो इस सन्नाटे को हटाए जरा 
अपना अपना मुंह खोलें 
तुम भी कुछ बोलो, हम भी कुछ बोले 
कुछ बात करें 
वार्तालाप करें 
थोड़ा हंसे मुस्कुराए 
या चलो किसी की बुराइयां करके 
ही बात को आगे बढ़ाएं 
निंदा रस में भी बड़ा मजा आता है 
वक्त कट जाता है 
इसी बहाने कुछ हंसते बोलते हैं 
या चलो यूं करते हैं अलमारी खोलते हैं 
पुराने कपड़ों की सलवटो में सिमटी हुई यादें
 वह क्षण उन्मादे 
 बहुत कुछ याद आएगा 
 इसी बहाने बातों का सिलसिला चालू हो जाएगा चलो याद करते हैं प्रथम मिलन की रात 
 तुम बैठी थी चुपचाप 
 मैंने ही की थी बातचीत की शुरुआत 
 मैंने जब तुम्हारा घूंघट उठाया था 
 तुम्हें अपने सीने से लगाया था 
 कितने हसीन थे वो जवानी के पल 
 देखते ही देखते वक्त गया निकल 
 और फिर जब फंसे गृहस्थी के बीच 
 शुरू हो गई थी हमारी रोज की किचकिच 
 बात बात पर लड़ाई और झगड़ा 
 हमेशा दोष मुझे पर ही जाता था मढ़ा
 अच्छा यह बदलाओ
 पिछली बार जब हुई थी लड़ाई हमारी
 गलती मेरी थी या तुम्हारी 
 वह तो मैं कह दिया था सारी 
 वरना तुमने तो बना दिया था बात का बतंगड़ बिना बात की मेरे ऊपर गई थी चढ़ 
बस की रहने दो तुम कौन से दूध के धुले हो 
सारा दोष मुझे पर लगाने पर तुले हो 
जब देखो मुझ में कमियां निकालते रहते हो गलतफहमियां पालते रहते हो 
वह तो मैं ही सीधीसादी मिल गई 
जो तुम्हें झेलती रहती हूं इतना ज्यादा 
और कोई नकचढ़ी मिल जाती 
तो आटे दाल का भाव पता पड़ जाता 
मैं ही हूं जो पिछले इतने सालों से 
निभा रही हूं तुमसे और तुम्हारे घर वालों से 
रहने दो, रहने दो ,
मैं ही हूं जो मुसीबत से खेल रहा हूं
 इतने सालों से तुम्हें झेल रहा हूं 
 घर में शांति रहे इसलिए 
 रहता हूं तुम्हारे आगे घुटने टेक 
वर्ना तुम तो मेरी हर बात में 
 निकालती रहती हो मीन मेख 
 रहने दो ,रहने दो बात मत बढ़ाओ 
 राई का पर्वत मत बनाओ 
 गलत तुम होते हो 
 नहीं, गलत तुम होती हो 
 तुम 
 नहीं तुम 
 मेरे नसीब फूटे थे जो तुम पड़े मेरे गले 
 तुम्हें बात करनी थी इसलिए मैं करने लगी 
 वरना तो इससे हम मौन ही थे भले
 फिर से वही चुप्पी 
 तुम भी चुप 
 हम भी चुप
 फिर वही सन्नाटा
 बस इसी तरह की नोकझौंक में
 जीवन जाता है काटा

मदन मोहन बाहेती घोटू 
सांत्वना

प्रिया 
तुमने दिन भर काम किया 
थक गई होगी 
आओ तुम्हारे पांव दबा दूं 
सर दर्द हो रहा होगा 
बाम लगाकर तुम्हारा सर सहला दूं 
थोड़ा सा लेट जाओ 
कुछ देर सुस्तालो 
जरूरत हो तो पेन किलर की गोली खा लो 
अरे कुछ नहीं जी 
यह तो रोज-रोज का काम है 
उमर हो गई है इसीलिए 
आ जाती थोड़ी थकान है 
क्या करूं काम में इतना व्यस्त रही 
कि तुम्हारा ध्यान भी नहीं रख पाई 
दिनभर कितनी ही बार तुमने पुकारा 
पर मैं ना आई 
तुमने ले तो ली थी ना टाइम पर दवाई 
पर जब कभी-कभी आ जाते हैं मेहमान 
तो रखना पड़ता है उनका ध्यान 
तुम भी कितना सहयोग करते हो 
सभी का पूरा ध्यान रखते हो 
आजकल कौन किसके यहां जाता है 
जहां प्यार मिलता है वही तो कोई आता है 
सब आते हैं तो यह सूना घर 
चहल पहल से जाता है भर
रौनक छा जाती है वीराने में 
त्यौहार का मजा ही है मिलकर के मनाने में 
रिश्ते बंधे रहते हैं टूटते नहीं है 
यह प्यार के बंधन हैं, छूटते नहीं है 

मदन मोहन बाहेती घोटू 
निठल्ले मत बनना 

तुम्हारा उपहास करें सब,इतने झल्ले मत बनना 
कुछ ना कुछ करते ही रहना,कभी निठल्ले मत बनना 
हुए रिटायर नहीं जरूरी, काम धाम करना छोड़ो 
योगा और व्यायाम करो तुम ,थोड़ा भागो और दौड़ो 
सुबह दूध सब्जी ले आओ ,पोते पोती टहलाओ 
यार दोस्तों संग मस्ती कर अपने मन को बहलाओ 
हिलते डुलते नहीं अंग तो जंग उन्हे लग जाती है 
चलना फिरना दूभर होता, ऐसी मुश्किल आती है 
यूं ही रहोगे बैठे ठाले ,तो तबीयत भी ऊबेगी 
डूबे रहे यूं ही आलस में ,तो फिर लुटिया डूबेगी 
दिन भर बैठे खाओगे तो यूं ही फूलते जाओगे निष्क्रिय बदन हो जाएगा,गोबरगणेश कहलाओगे 
कामकाज जो ना करते , तो बीबी ताने देती है दिन भर पलंग तोड़ते रहते, तुम्हें उलहाने देती है आलस में डूबे रहने से तन पर मोटापा चढ़ता है 
 रहेआदमी चलता फिरता तो ज्यादा दिन चलता है 
बिना काम के पड़े पड़े तुम, यूं ही मोटल्ले मत बनना 
कुछ ना कुछ करते ही रहना, कभी निठल्ले मत बनना

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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