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शनिवार, 18 सितंबर 2021

आलोचना 

आजकल हर जना 
जरूरत से ज्यादा होशियार है बना 
अपने गिरेबान में झांकना नहीं ,
करता है औरों की आलोचना 
सोच नकारात्मक है 
दृष्टिकोण भ्रामक है 
जो सिर्फ औरों की कमियां ही दिखाता है 
उसे आधा भरा हुआ नहीं ,
बाकी जो खाली है वह आधा गिलास नजर आता है लोगों की अच्छाइयां नहीं दिखती 
उनकी बुराइयां ही खोजता है 
कोकिला की तरह आम्र तरु पर नहीं,
 कौवे की तरह सीधा नीम तक ही पहुंचता है 
 किसी की गलतियां ढूंढना बड़ा आसान है 
 गलतियां तो करता ही रहता है इंसान है 
 अरे इंसान क्या कई बार ,
 भगवान से भी गलती हो जाती है 
 किसी किसी के हाथ में ,
 पांच के बदले छह उंगलियां पाई जाती है 
 गलतियां उसी से होती है जो कुछ करता है 
 निठल्ले का जीवन तो व्यर्थ ही गुजरता है 
 कभी अपने अंदर  झांकोगे,
 तो अपनी भी कई कमियां देख पाओगे 
 पहले उन्हें सुधारोगे,
  तब दूसरों पर उंगली उठाओगे  
  आत्मविवेचन सबसे बड़ा उपचार है
  जो बदल देता आदमी का व्यवहार है 
  ऐसा करके तुम अपनी जिंदगी संवार सकोगे 
  खुद सुधरोगे , तभी औरों को सुधार सकोगे 
  इसलिए सिर्फ गलतियों को मत तलाश करो 
  कोई गलती नजर आए ,
  तो उसे सुधारने का प्रयास करो 
  इससे तुम्हारी गरिमा बढ़ेगी 
  तुम्हारी छवि और भी निखरेगी
  अपने जीवन को सार्थक करिए 
 आलोचक नहीं, सुधारक बानिये

मदन मोहन बाहेती घोटू

शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

बदलते मौसम 

तू जो ना संग, लगती सर्दी,
 बढ़ जाती है तन में ठिठुरन
तू पास आती, बढ़ती ऊष्मा ,
होता गर्मी वाला मौसम 
तू मिल जाती ,फूल महकते,
 खिलता मौसम, बासंती बन  
 मिलन हमारा बारिश जैसा, 
 प्यार बरसता रिमझिम रिमझिम 
 कभी गर्म तू सूरज जैसी, 
 कभी चांदनी सी शीतल है 
 जब भी साथ तेरा मिलता है ,
 मौसम जाते बदल बदल है

मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

परहेज 

डॉक्टर कहता डायबिटीज है,
 जीवन जियो ,सीधा-सादा 
 मीठे से परहेज करो तुम ,
 और नमक ना खाओ ज्यादा 
 तुम्ही बताओ कैसे छोडूं,
  स्वाद तेरे नमकीन बदन का 
  नहीं मिठास छोड़ सकता हूं ,
  तेरे प्यार भरे  चुम्बन का 
  मुझसे यह परहेज ना होगा, 
  कम ना होगा नेह हमारा 
  कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा 
  कैसे भी, मधुमेह हमारा 
  2
  डॉक्टर कहता ब्लड प्रेशर है 
  रहो शांति से, बरतो संयम 
  पर जब तुम पास आती हो तो,
   बढ़ जाती है दिल की धड़कन 
   तुमसे दूर रहूं यह प्रेशर 
   बढ़ा रहा मेरा ब्लड प्रेशर 
   यह दबाव सब दब जाएगा 
   बंधन में बाहों के बंध कर 
   तेरे संग उन्मुक्त प्यार का, 
    पर आनंद, न तज सकता मैं 
   लाख डॉक्टर मना करे पर 
   यह परहेज ,न रख सकता मैं

मदन मोहन बाहेती घोटू
जियो आत्मा सम्मान से

जब तक जीवन है तुम जियो शान से 
समझौता मत करो  आत्मसम्मान से 

अगर आत्मविश्वास हृदय में खास है 
धीरज की पूंजी, जो तुम्हारे पास है 
रखो हौसला ,लड़ लोगे तूफान से 
समझौता मत करो आत्म सम्मान से 

औरों में क्या कमियां है यह मत ताको
पहले अपने गिरेबान में तुम  झांको
उन्हें सुधारो , जियोगे आसान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

लोग कहेंगे क्या, इस पर तुम ध्यान न दो 
बकवासों पर दुनिया की तुम कान न दो 
सुनो ,निकालो उसे दूसरे कान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

आसपास की हर हरकत पर नजर रखो 
चौकन्ने से रहो ,सभी की खबर रखो 
क्या होता है ,रहो नहीं अनजान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

नहीं किसी से बैर कोई भी मन में हो 
मिलनसारिता, प्रेम भाव जीवन में हो 
करो मदद कमजोरों की, जी जान से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से 

सार हीन संसार ,करो सत्कर्म सदा 
परोपकार को मानो अपना धर्म सदा 
नाम तुम्हारा होगा अच्छे काम से 
समझौता मत करो आत्मसम्मान से

मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 9 सितंबर 2021

जीवन शैली 

यदि खुद पर विश्वास करोगे 
नहीं किसी से आस करोगे 
जीत लिया जो तुमने भय है 
तो तुम्हारी सदा विजय है 

रहो सभी के तुम अपने बन 
वही करो, जो कहता है मन 
ख्याल रखोगे जो तुम सबका 
तुम जीतोगे ,यह है पक्का 
नहीं सफलता में संशय है 
तो तुम्हारी सदा विजय है

अगर लड़ोगे हिम्मत के संग 
बनो जुझारू, जीतोगे जंग 
सकारात्मक ,सोच रखोगे 
तो तुम आगे बहुत बढ़ोगे 
जब जागोगे ,तभी सुबह है 
तो तुम्हारी सदा विजय है

मदन मोहन बाहेती घोटू

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