एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

परहेज 

डॉक्टर कहता डायबिटीज है,
 जीवन जियो ,सीधा-सादा 
 मीठे से परहेज करो तुम ,
 और नमक ना खाओ ज्यादा 
 तुम्ही बताओ कैसे छोडूं,
  स्वाद तेरे नमकीन बदन का 
  नहीं मिठास छोड़ सकता हूं ,
  तेरे प्यार भरे  चुम्बन का 
  मुझसे यह परहेज ना होगा, 
  कम ना होगा नेह हमारा 
  कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा 
  कैसे भी, मधुमेह हमारा 
  2
  डॉक्टर कहता ब्लड प्रेशर है 
  रहो शांति से, बरतो संयम 
  पर जब तुम पास आती हो तो,
   बढ़ जाती है दिल की धड़कन 
   तुमसे दूर रहूं यह प्रेशर 
   बढ़ा रहा मेरा ब्लड प्रेशर 
   यह दबाव सब दब जाएगा 
   बंधन में बाहों के बंध कर 
   तेरे संग उन्मुक्त प्यार का, 
    पर आनंद, न तज सकता मैं 
   लाख डॉक्टर मना करे पर 
   यह परहेज ,न रख सकता मैं

मदन मोहन बाहेती घोटू

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-