गुस्सा या शृंगार
(घोटू के छक्के )
पत्नी अपनी थी तनी,उसे मनाने यार
हमने उनसे कह दिया,गलती से एक बार
गलती से एक बार,लगे है हमको प्यारा
गुस्से में दूना निखरे है रूप तुम्हारा
कह तो दिया,मगर अब घोटू कवी रोवे है
बात बात पर वो जालिम गुस्सा होवे है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
स्त्रीधन की वापसी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
-
कृष्ण कुमार गुप्ता बनाम प्रीति गुप्ता केस पर महत्वपूर्ण निर्णय देते
हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पति-पत्नी की संपत्तियों के वितरण, जिसमें
'...
1 दिन पहले