पत्नी जी के जन्मदिन पर
जन्मदिन आया तुम्हारा
प्यार तुमको ढेर सारा
डूबते मेरे हृदय को,
दिया तुमने आ सहारा
आई तुम तकदीर बनकर
मरुस्थल में नीर बनकर
जिंदगी मेरी संवारी ,
मेरे दिल की हीर बनकर
प्यार हो तुम प्रेयसी तुम
मेरे दिल में आप बसी तुम
जिंदगी महकाई तुमने,
मेरे जीवन की खुशी तुम
कई जन्मों के हम साथी
मैं दिया हूं, तुम हो बाती
रहो हरदम खुश हमेशा
प्यार ऐसे ही लुटाती
मदन मोहन बाहेती घोटू
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