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शनिवार, 24 मई 2025

चिंताहरण

कल पत्नी जी ने अपने मन की झिझक खोली 
और सहमते सहमते बोली 
आजकल रोज टीवी और अखबार
 बार-बार दे रहे हैं समाचार 
हिंदुस्तान और पाकिस्तान 
बन रहे हैं युद्ध का मैदान 
ड्रोन और मिसाइल चल रहे हैं 
खेत और मकान जल रहे हैं 
मुझे बहुत घबराहट हो रही है 
मेरे मन की शांति खो रही है 
गलती से कोई मिसाइल या बम 
हमारे घर पर गिर गया,
 तो हो जाएगा सब कुछ खतम 
मैंने कहा पगली क्यों परेशान हो रही है 
हमारे घर बम का पहुंचना आसान नहीं है तुझे काहे को लग रहा है डर 
अगर कोई बम गिर भी गया हम पर 
तो हम दोनों ही उसकी लपेट में आएंगे साथ-साथ जी रहे हैं, साथ साथ ही जाएंगे 
ना तुझे अकेला जीना पड़ेगा ना मुझे,
बुढ़ापे में अकेले जीने की त्रासदी से बच जाएंगे 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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