एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 5 मई 2025

गृह शांति 


पत्नी मूड अगर हो बिगड़ा 

नहीं चाहते घर में झगड़ा 

पुरुषत्व पर तुम मत ऐंठो 

बेहतर है चुप होकर बैठो 

कुछ ही देर में देखोगे तुम 

बदल जाएगा घर का मौसम 

चार मिनट चुप्पी तुम्हारी 

करती दूर मुसीबत सारी 

भले तुम्हारी बात सही हो 

पत्नी जी ही गलत रही हो 

लेकिन उस क्षण में विवाद के

 रहो सदा तुम मौन साध के 

यदि कुछ बोला तो भुगतोगे 

 एक कहोगे, चार सुनोगे 

 पत्नी को यदि क्रोध आएगा 

तो गृह युद्ध भड़क जाएगा 

इसीलिए ऐसे अवसर पर 

रक्षक होता मौन अधिकतर 

धीरज अगर रखोगे कुछ क्षण 

रह सकती गृह शांति कायम


मदन मोहन बाहेती घोटू

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-