कमियां
शादी के बाद
बेटी और दामाद
पहुंचे पहली बार ,ससुराल
बाप ने पूछा बेटी खुश है ना,
कैसा है तेरा हाल
बेटी ने शरमा कर कहा ,
पापा,मैं बहुत खुश हूँ '
आपके दामाद ,
मेरा बड़ा ख्याल रखते है
बड़े 'रिस्पॉन्सीबल 'है
मेरी पूरी साज संभाल रखते है
बस एक ही शिकायत है ,
ये मुझे छेड़ते रहते है
और हमेशा मुझमे कमियां ढूंढते रहते है
पिताजी बोले बेटा ,
ये तो बड़ी प्रसन्नता की बात है
अपने दिए हुए संस्कारों पर हमें नाज़ है
वरना मोबाईल में डूबी हुई ,
आज की जनरेशन
बस इनसे करवा लो फैशन
पर गृहस्थी चलाने में होती है अनाड़ी
इतनी कमिया होती है कि ,
मुश्किल से खिसकती है गृहस्थी की गाडी
शादी के बाद हर पति,
अपनी पत्नी में ,अपनी माँ की तरह,
कुशल गृहणी देखना चाहता है
और जब उसकी उम्मीद के विपरीत ,
निकलती उसकी ब्याहता है
उसमे इतनी कमियां होती है अक्सर
जो स्पष्ट आती है नज़र
तो बात बात में टोका टाकी से ,
उनका अहम टकराने लगता है
चार दिनों की चांदनी के बाद,
अँधियारा छाने लगता है
मुझे ख़ुशी है कि तेरी माँ ने ,
तुझे ट्रेंड कर दिया है इतना
कि तुझमे इतनी कम कमियां है कि ,
दामादजी को पड़ती है ढूंढना
पत्नी अगर कुशल गृहणी हो तो,
तो बड़े मजे की गुजरती है
और जिंदगी की गाडी ,
बड़े आनंद से आगे बढ़ती है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।