गाय भैंस बकरी और लिये साइकिल
लद रहा हिन्दुस्तान यहां वहां आये दिन
रेल अपने बाप की पटरी उखाड़ लेव
काहे की है मुश्किल घर मा बिछाय देव
सब जगह भीड़ है का करे जनता
जल्दी बनाय लेव काम जैसे बनता
हम मनमानी करें गाली खायँ नेता
गाली नहीं खायेगा तो वोट काहे लेता
देश वेश बाद में काम मेरा पहले
तभी वोट दूंगा वर्ना निकल ले
लेन देन सीख लेव आगे बढ़ि जाओ
नाही घरे बैठि के खाली पछताओ
ज्यादा पढ़े लिखेगा तो नौकरी पायेगा
तीन - पांच आयेगा तो देश चलायेगा
कुछ नहीं आता तो बाबा बन जा रे
राम के नाम पर ऐश कर प्यारे
लगा घोर कलियुग कह रहे चर्चित
जितना हो धन बल उतने ही परिचित
- विशाल चर्चित
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