संध्या
तुम संध्या ,मै सूरज ढलता ,
तुम पर जी भर प्यार लुटाता
तुम्हारे कोमल कपोल पर ,
लाज भरी मै लाली लाता
फिर उतार तुम्हारे तन से ,
तारों भरी तुम्हारी चूनर
फैला देता आसमान में ,
और तुम्हे निज बाहों में भर
क्षितिज सेज पर मै ले जाता,
रत होते हम अभिसार में
हम तुम दोनों खो जाते है,
एक दूजे संग मधुर प्यार में
प्राची आती ,हमें जगाती,
चूनर ओढ़ ,सिमिट तुम जाती
मै दिन भर तपता रहता हूँ,
याद तुम्हारी ,बहुत सताती
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
क्या सोनम रघुवंशी का होगा नार्को टेस्ट....
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*2010 के सेल्वी बनाम कर्नाटक राज्य एवं अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने
फैसला दिया था कि अभियुक्तों, संदिग्धों और गवाहों पर उनकी सहमति के बिना
नार्...
1 दिन पहले
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रेम गीत ...
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें।।