पतझड़ के पत्ते
पतझड़ के पत्ते ,
जब अपनी डाल को छोड़ कर,
हवा के झोंकों के संग ,
इधर उधर राजमार्गों पर भटक जाते है
इकट्ठे कर,जला दिए जाते है
और जो पेड़ के नीचे ही ,
गड्ढों में दबे रह जाते है ,
कुछ समय बाद,खाद बन जाते है
नयी फसल को उगाने के काम आते है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पतझड़ के पत्ते ,
जब अपनी डाल को छोड़ कर,
हवा के झोंकों के संग ,
इधर उधर राजमार्गों पर भटक जाते है
इकट्ठे कर,जला दिए जाते है
और जो पेड़ के नीचे ही ,
गड्ढों में दबे रह जाते है ,
कुछ समय बाद,खाद बन जाते है
नयी फसल को उगाने के काम आते है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'