आज नेताजी जयंती के साथ-साथ मेरे अनुज रघु का भी जन्मदिन है । नेताजी को शत-शत नमन और अनुज को शुभकामना स्वरूप ये छोटी-सी रचना ।
'न'मन जिसे खुद सफलता करे;
'म'न में सबके मूर्ति हो जिसकी,
'दि'ल से सब जिसकी पूजा करे;
'न'त कर दे जो हर दुश्मन को,
'मु'श्किल में भी साहसी बन;
'बा'त से सबको जीत ले हरदम,
'र'घु तू बिल्कुल वैसा बन;
'क'ल्पना नहीं ये दुआ है मेरी,
'हो' न हो तू वैसा बन ।
(सभी पंक्तियों का पहला अक्षर मिलाने पर-"जनम दिन मुबारक हो" ।)