एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 4 जून 2021

तुम जो भी हो जैसे भी हो मेरे लिए बहुत अच्छे हो 
तुम में नहीं बुराई कोई,तुम दिल के एकदम सच्चे हो 

 खुशनसीब मैं,क्योंकि पाया ,मैंने तुमसा जीवनसाथी
 मेरा और साथ तुम्हारा, जैसे हो हम दीया बाती 
 यही चाहती हूं मैं  हम तुम मिलकर के उजियारा लाएं जो भी अपना संगी साथी, उसका जीवन सुखी बनाएं यह है सच दुनियादारी में , वैसे तुम थोड़े कच्चे हो
 लेकिन तुम जो भी जैसे हो, मेरे लिए बहुत अच्छे हो 
 
 प्रभु ने अपना मेल कराया ,मुझे मिलाया, तुम्हें मिलाया यही प्रार्थना है अब प्रभु से, रहे प्रेम का हरदम साया 
 हम खुश रहे ,हमारे बच्चे,सुखी ओर खुशहाल रहे सब
जितने भी परिवारिक जन है सब में अच्छा प्यार रहे बस  तुम निर्मल निश्चल हो मन से, भोले से छोटे बच्चे हो
 तुम जो भी हो जैसे भी हो ,मेरे लिए बहुत अच्छे हो

तारा मदन मोहन बाहेती

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-