मुस्कराना सीख लो
जिंदगी में हर ख़ुशी मिल जायेगी,
आप थोडा मुस्कराना सीख लो
रूठ जाना तो बहुत आसन है,
जरा रूठों को मनाना सीख लो
जिंदगी है चार दिन की चांदनी,
ढूंढना अपना ठिकाना सीख लो
अँधेरे में रास्ते मिल जायेंगे,
बस जरा अटकल लगाना सीख लो
विफलताएं सिखाती है बहुत कुछ,
ठोकरों से सीख पाना, सीख लो
सफलता मिल जाये इतराओ नहीं,
सफलता को तुम पचाना सीख लो
कौन जाने ,नज़र कब,किसकी लगे,
नम्रता सबको दिखाना सीख लो
बुजुर्गों के पाँव में ही स्वर्ग है,
करो सेवा,मेवा पाना सीख लो
सैकड़ों आशिषें हैं बिखरी पड़ी,
जरा झुक कर ,तुम उठाना सीख लो
जिंदगी एक नियामत बन जायेगी,
बस सभी का प्यार पाना सीख लो
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।