एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 12 जनवरी 2014

नर्स के प्रेमी

           नर्स के प्रेमी

मिस्टर हर्ष थे इक्कीस वर्ष के
प्यार में फंस गए एक नर्स के
उसकी चुस्ती,फुर्ती और कसी कसी ड्रेस
कर गयी उनको इतना इम्प्रेस
कि एक दिन बोले उससे'प्लीज
मैं हो गया हूँ तुम्हारे इश्क़ का मरीज
खोया ही रहता हूँ तुम्हारी याद में
दिल चाहता है रहना तुम्हारे ही साथ में
इसलिए ऐसा कुछ करो ,
कि मैं भर्ती हो जाऊं ,तुम्हारे वार्ड में
नर्स हंसी और बोली डियर
मुझे भी आपसे है लव
मैं कुछ्ह भी करलूं ,पर आप ,
मेरे वार्ड में नहीं हो  सकते भरती
क्योंकि मैं 'मेटरनिटी वार्ड'में काम हूँ करती

घोटू

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-