बेटा बेटी सदा बराबर
नर नारायण कहलाते है ,नारी देवी स्वरूपा है,
दोनों ही पूजे जाते है ,दोनों ही परमेश्वर है
उदधि कहाता है रत्नाकर,तो है धरा रत्न गर्भा,
दोनों में ही रत्न भरे है ,दोनों गुण के सागर है
बेटा होता ,खुशी मनाते,उसको पुत्र रत्न कहते,
बेटी होती,दुःख करते हो,दोनों में क्यों अंतर है?
बेटा बेटी सदा बराबर ,दोनों ही आवश्यक है ,
दोनों से ही जगती चलती ,यह तो सत्य उजागर है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
नर नारायण कहलाते है ,नारी देवी स्वरूपा है,
दोनों ही पूजे जाते है ,दोनों ही परमेश्वर है
उदधि कहाता है रत्नाकर,तो है धरा रत्न गर्भा,
दोनों में ही रत्न भरे है ,दोनों गुण के सागर है
बेटा होता ,खुशी मनाते,उसको पुत्र रत्न कहते,
बेटी होती,दुःख करते हो,दोनों में क्यों अंतर है?
बेटा बेटी सदा बराबर ,दोनों ही आवश्यक है ,
दोनों से ही जगती चलती ,यह तो सत्य उजागर है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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