विवाह संस्कार
बड़े प्यार से पाला पोसा ,बड़ी हुई तो दान कर दिया
पहुँच पिया घर ,अपना तन मन,मैंने पति के नाम कर दिया
कल तक मात पिता थे प्यारे ,और अब साजन ,बसे हुये मन
बचपन सारा, जहाँ गुजारा , लगे पराया सा वो आँगन
केवल फेरे ,सात अगन के ,इतना सब कुछ कर देते है
देते छुड़ा , बाप माँ का घर ,एक दूसरा घर देते है
कुछ रीतों से , और मन्त्रों से ,जीवन भर का बंधन बंधता
यह विवाह के ,संस्कार की ,कितनी सुन्दर ,धर्म व्यवस्था
घोटू
बड़े प्यार से पाला पोसा ,बड़ी हुई तो दान कर दिया
पहुँच पिया घर ,अपना तन मन,मैंने पति के नाम कर दिया
कल तक मात पिता थे प्यारे ,और अब साजन ,बसे हुये मन
बचपन सारा, जहाँ गुजारा , लगे पराया सा वो आँगन
केवल फेरे ,सात अगन के ,इतना सब कुछ कर देते है
देते छुड़ा , बाप माँ का घर ,एक दूसरा घर देते है
कुछ रीतों से , और मन्त्रों से ,जीवन भर का बंधन बंधता
यह विवाह के ,संस्कार की ,कितनी सुन्दर ,धर्म व्यवस्था
घोटू
सदियों की व्यवस्था ,,,, समाज में प्रचलित व्यवस्था ...
जवाब देंहटाएंपर मन तो मन है ...
वाह जी वाह लाजवाब |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page