गर्व है मुझको हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है |
बिन निज भाषा उन्नति के, राष्ट्र का विकास नहीं;
परदेशी भाषा के बल पे, हो सकता कुछ खाश नहीं |
राष्ट्रभाषा जब हिंदी है, फिर अंग्रेजियत छोड़ दो;
हिन्दुस्तान में रहते हो, तो दोहरी नियत छोड़ दो |
हिंदी को अधिकार मिले, हर कोने में प्रयोग हो,
संसद में, हर राज्यों में, परदेश में भी उपयोग हो |
हिंदी जन-जन की भाषा, जन-जन तक इसका प्रचार हो;
भारत के हर क्षेत्र में पहुंचे, ऐसे नेक विचार हो |
भारत का हर एक वासी, हिंदी का सम्मान करे;
हर कोई सीखे, हर कोई बोले, नहीं कोई अपमान करे |
हिंदी को बना भारत की बिंदी, इसे सर्वत्र चमकाना है;
हर निजी, सरकारी काज में, हिंदी ही अपनाना है |
बुरा नहीं हर भाषा जानो, पर हिंदी ही सर्वोपरि हो;
हो ज्ञान भले हर भाषा का, पर निज भाषा सर्वोपरि हो |
भारत भाल की बिंदी हो ,मेरी हिंदी "हिंदी "हो ,
जवाब देंहटाएंअंग्रेजी की कुंजी हो !
सबसे पहले हिंदी दिवस की शुभकामनायें /आज के दिन आपके द्वारा लिखी हिंदी भाषा पर रचना अनमोल है /बहुत ही सार्थक शब्दों से सजी यथार्त को बताती हुई /बहुत बधाई आपको /
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट हिंदी दिवस पर लिखी रचना पर आपका स्वागत है /
हिंदी की जय बोल |
जवाब देंहटाएंमन की गांठे खोल ||
विश्व-हाट में शीघ्र-
बाजे बम-बम ढोल |
सरस-सरलतम-मधुरिम
जैसे चाहे तोल |
जो भी सीखे हिंदी-
घूमे वो भू-गोल |
उन्नति गर चाहे बन्दा-
ले जाये बिन मोल ||
हिंदी की जय बोल |
हिंदी की जय बोल ||