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रविवार, 11 सितंबर 2011

शैतान शिष्या और टीचर


            १
परेशान टीचर हुई,शिष्या थी शैतान
बोली तुमको ठीक मै,करू  पकड़ कर कान
करू पकड़ कर कान,दूर शैतानी सारी
हफ्ते भर जो बन जाऊं मम्मी तुम्हारी
शिष्या बोली ,सच टीचर,मै तो हूँ रेडी
पर क्या ये प्रस्ताव मान जायेंगे डेडी
                २
डेडी जी  ने जब सुना,बेटी का प्रस्ताव
मुदित हुआ मन, बढ़ गया,बाँछों  का फेलाव
बाँछों का फेलाव,कहा इच्छा हो जैसी
पर तुम्हारी टीचर है दिखने में कैसी
मम्मी बोली उसको आने तो घर में
वो क्या,उसको ठीक करू मै हफ्ते भर में

रचनाकार: मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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