हिंदी संस्थान के सभागार में वर्ष 2000 में राहुल फाउन्डेशन की ओर से आयोजित उस गोष्ठी की याद हो आयी जब सुप्रसिद्व चिंतक और विज्ञान लेखक श्री गुणाकर मुले द्वारा ‘समय से जुडे कालस्य कुटिला गतिः’ नामक विषय पर ऐक व्याख्यान को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ था उस संगोष्ठी में उन्होंने समयरेखा पर दार्शनिक तथा वैज्ञानिक यात्रा कराने का सुख श्रोताओं को उपलब्ध कराया था। कदाचित इस गोष्ठी में जाकर भी मैं उस टाइम मशीन पर सवार होकर लौटा हूँ जिसमें समय की धारा में पीछे लौटकर 1979 तक जा पहुँचा हूँ जहाँ मैने अपनी पहली कविता लिखी थी। यह कविता मेरे स्कूल की पत्रिका के साथ साथ साप्ताहिक समाचार पत्र‘गढवाल मंडल’ मे छपी थी। विद्यालय पत्रिका की प्रति न जाने कहाँ गुम हो गयी परन्तु समाचार पत्र की कतरन आज भी सहेजी रखी है। है।
कदाचित आपको यह आज भी सार्थक जान पडे।
संकल्प(कविता)
हमको आगे बढना है , हिमगिरि पर भी चढना है।
हिम्मत करके हमको वीरों हमको कदम बढाना है।
हम भारत के श्रेष्ठ नागरिक हमको देश जगाना है।
इसी देश के हित में मरकर अमर हमें हो जाना है।
इस धरती पर जन्म लिया तो यही हमारा धाम है।
इसकी रक्षा में मर मिटना मात्र हमारा काम है।
माँ भारत का मान बढाना इसको नित चमकाना है ।
बढे देश का मान सदा ही यही ध्येय हो हम सबका।
सभी धर्म वाले भाई हैं भाव रह अपने पनका।
और छात्र को निष्ठा पूर्वक, नित्य नियम से पढन है।
गाँधी गौतम के सिद्धांतो को फिर से अपनाना है।
माँ के गौरव मस्तक पर नया मुकुट नित मढना है।
हमको आगे बढना है , आगे कदम बढाना हैं।
हमको आगे बढना है , हिमगिरि पर भी चढना है।
अशोक कुमार शुक्ला
कक्षा 9 पौडी गढवाल
(मेरी प्रथम प्रकाशित कविता, रचनाकाल सन 1978, प्रकाशक-साप्ताहिक‘गढवाल मंडल)
होनहार बिरवान के होत चिकने पात.
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें.
बहुत अच्छी रचना है...उत्साहवर्धक और सकारात्मक ...बधाई अशोक को!!
जवाब देंहटाएंravikar ji
जवाब देंहटाएंbahut hi sakaratmaktaliye hue hai aapki yah pastuti.
kash !ham sabki soch aisi hi hoti to desh ka rang kuchh aur hi hota.
ashok ji v aapko
bahut abhut badhai
poonam
बहुत बढ़िया रचना रची थी आपने उस समय भी शुक्ला जी |
जवाब देंहटाएंआरदणीय समीर लाल जी
जवाब देंहटाएंअरूण कुमार निगम जी
प्रदीप जी तथा
पूनम जी
आप सबके उत्सहवर्धन हेतु आभारी हूं
आरदणीय समीर लाल जी
जवाब देंहटाएंअरूण कुमार निगम जी
प्रदीप जी तथा
पूनम जी
आप सबके उत्सहवर्धन हेतु आभारी हूं