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बुधवार, 13 मार्च 2013

लीन्हो वोटर मोल

     घोटू के पद
 लीन्हो वोटर  मोल

माई री  मै  तो,लीन्हो वोटर मोल
सस्तो महंगो ,कछु नहीं देख्यो,दीन  तिजोरी खोल 
आश्वासन को शरबत पिलवा ,मुंह में मिसरी घोल
वादों की रबड़ी  चटवाई ,  मीठो    मीठो     बोल 
मगर विरोधी ,दल वाले सब ,पोल रहे है खोल
टी वी पेपर वाले भी सब,रहे उडाय  मखौल 
चमचे सारे ,खनक रहे है,मेरी तारीफ़ बोल
'घोटू' अब वोटर की मर्जी ,जब होवेगा 'पोल '
ऊँट कौन करवट बैठेगा ,कोई सकत ना बोल

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कितना सुख होता बंधन का


           सुख बंधन का

कितना सुख होता बंधन का
एक दूजे के प्रति समर्पण ,प्रीत,प्यार और अपनेपन का
पानी में घिस घिस घुल कर के,लगे ईश सर,उस चन्दन का
लिपटी हुई लता से पूछो ,तरु संग कितना ,सुख जीवन का
कितना मादक ,उन्मादक सुख,भ्रमर ,पुष्प के अवगुंठन का
बादल बन ,मिल अम्बर से, फिर ,बरसे भू पर,उस जल कण का
एक बंधन को छोड़ दूसरे बंधन में बंधती दुल्हन का 
कान्हा की बंसी की धुन पर ,रास रचाते  ,बृन्दावन   का
बृज की गली गली में अब भी,बसा प्यार राधा मोहन का
संतानों के सुख में हँसते ,दुःख में रोते ,माँ के मन का
कभी किसी से बंध कर देखो ,सुख पाओगे ,पागलपन का
कितना सुख होता बंधन का 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

सोमवार, 11 मार्च 2013

शिवरात्रि व्रत

                  घोटू के पद
                  शिवरात्रि  व्रत

मैंने शिवरात्रि  व्रत राख्यो
सुबह चाय  के संग बिस्कुट ना,ड्राई फ्रूट ही चाख्यो
फलाहार में भोग लगायो,रबड़ी और  हलवा को 
संग कुट्टू की तली पूरियां,और आलू टिकिया को
शाम करयो  सेवन बस पेड़ा ,मावे की गुझिया को
सिर्फ चाय पी या फल को रस,बाकी दिन भर फांको  
फ्रूट क्रीम,श्रीखंड रात में ,मन पर काबू  राख्यो 
और रात को दूध पियो बस ,केसर और पिस्ता को
'घोटू'बहुत कठिन व्रत  करना ,खायो बहुत ज़रा सो

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

रविवार, 10 मार्च 2013

शिवरात्री-एक जिज्ञासा

      शिवरात्री-एक जिज्ञासा

ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश,हमारे तीन देवता ,
                                    कर्ता ,भर्ता और हर्ता ये देव कहाते 
 कब जन्मे,कैसे जन्मे ,कुछ पता नहीं है,
                                     ये तीनो तो आदि पुरुष है ,पूजे जाते
ब्रह्मा जी के संग ,सरस्वती जी है दिखती,
                                  मगर कहीं इनके रिश्ते का  जिक्र नहीं है
और विष्णु जी है लक्ष्मी- रमना कहलाते,
                                  पत्नीवत लक्ष्मी जी इनके संग रही है
वो भी तब,समुन्द्रमंथन से थी वो प्रकटी ,
                                    उसके पहले शायद विष्णु ,रहे अकेले
एक केवल शंकर जी है जिनकी शादी का ,
                                     जिक्र किताबों में मिलता है सबसे पहले
ब्रह्मा जी,शंकर जी दोनों 'परमानेन्ट' है,
                                      'डेपुटेशन'  पर केवल विष्णु जी हैं जाते
लेते है अवतार धरा पर ,कई रूप धर ,
                                       जन्मदिवस उन अवतारों का सभी मनाते 
ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश  ,देव तीनो महान है,
                                       इनका जन्म दिवस पर दुनिया नहीं मनाती
ब्रह्मा,विष्णु की शादी का दिवस पता ना,
                                      शिव रात्रि है पर्व ,हुई जब शिव की शादी
मै मूरख,अज्ञानी तो बस इतना जानू,
                                      आदि पुरुष ये ,इनका जन्म दिवस ना मनता 
ब्रह्मा विष्णु की शादी भी अगर हुई है ,
                                       तो फिर उनका परिणय दिवस क्यों नहीं मनता?


मदन मोहन बाहेती'घोटू'
  

शनिवार, 9 मार्च 2013

स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम

     घोटू के दोहे
स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
           1
धन और पोजीशन करे,देखो कैसे काम
कल तक 'परस्या'कहाता ,'परशराम 'अब नाम 
                      स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
            2
काजल जो लागे कहीं,तो कालिख कहलाय
गौरी  की आँखों  अंजे,दूनो रूप   बढ़ाय
                       स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
              3
बीस तीस की माखनी ,दाल मिले जो आम
पहुँची होटल मौर्या ,हुए  आठ सौ   दाम
                       स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
                  4
गौरी की गोदी  रहे ,श्वान लिपट इतराय
देख गली के कूतरे ,भौंक भौंक चिल्लाय
                        स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
                    5
गूदे संग जब तक बंधा ,कहलाता है आम 
गूदा खा फेंका गया ,अब गुठली है नाम
                         स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
                   6
रोड़ा पत्थर राह का,हर कोई देय  हटाय
मंदिर में सिन्दूर लग,निशदिन पूजा जाय
                         स्थानम प्रधानम न बलं प्रधानम
                  7
गति बदले हर चीज की,जगह बदल जब जाय
पहुँच प्लेट से पेट में ,क्या से क्या बन जाय़

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'  

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