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रविवार, 23 अगस्त 2020

ख की खराश -खुदा से अरदास

ऐ खुदा ,ये खाखसार खादिम कब तक ख़ामोशी से
ख्यालों की दुनिया में खरामा खरामा जीता रहेगा
और ख्वामख़्वाह ख़ाली बैठा खून के घूँट पीता रहेगा
इसलिये ऐ  ख़ल्क़ के बादशाह ,मेरी ख्वाइश पूरी करवा दे
किसी ख़ास ,खूबसूरत ,खुशअदा ,खुशमिजाज ख़ातून को ,
मेरी शरीकेहयात और ख्वाबों की मलिका बनाकर भिजवा दे
जिस खुलेदिल ,खानदानी खातून की खुशामदीद मेरे जीवन को ,
खुशनुमा बना कर खुशहाली की खुशबू से महका दे
जिसकी शख्शियत की खसूसियत में मासूमियत हो
जो खुशहाल ,हमख़याल और खुशनियत हो
जो खुशपेशानी खूबसूरती का खजाना हो
जिसके मोहब्बत के खुमार में दिल दीवाना हो
जिसकी आँखों में चमक और चेहरे पर खिलखिलाहट हो
बोली में खनखनाहट और लबों पर मुस्कराहट हो
मैं  खुशनसीब ख़ुशी ख़ुशी उसकी खिदमत ,खातिरदारी ,
और ख़ुशामद में मशरूफ  रहूंगा
उसकी पूरी देख रेख कर खुदा से,
 उसकी ख़ैरख़्वाही की  दुआ मांगता रहूंगा
 
खाखसार  खादिम 'घोटू '

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