एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 11 जुलाई 2019

कॉम्पिटिशन

समझ न पड़ता ,किस रस्ते पर ,आज जमाना आमादा है
काम  भले ही कम होता है ,पर कॉम्पिटिशन  ज्यादा  है
कल बीबीजी का खत आया ,दो पन्नो में ,सौ अक्षर थे
उनमे भी आधे से ज्यादा ,प्यारे प्रियतम या डिअर थे
उनकी एक मैरिड बहन है ,हुआ बरस भर ही शादी को
मगर  चीन से लड़ने के हित  बढ़ा रही है आबादी  को
तो मेरी उन सालीजी और बीबी में कॉम्पिटिशन  है
किसका पति ज्यादा अच्छा ,किसमें लेटर लिखने का फ़न है
सौ बार भले ही नाम हमारा लिखदो पर लम्बा हो लेटर
अबके से मैं ही जीतूंगी ,अबके से हारेगी सिस्टर
तो अब बढ़ गयी भैया ,कॉम्पिटिशन तगड़ा होगा
दूर तमाशा देखे मुर्गी ,अब मुर्गो में झगड़ा होगा
मैंने साफ़ लिख दिया उनको ,जो तुम झगड़ो चीज चीज में
तुम जानो और काम तुम्हारा जाने मैं क्यों पडूँ बीच में
आज बात लेटर की ही है ,जाने कल बाजी लग जाए
देखें उनमे अब से पहले ,मौसी किसको कौन बनाये
बात औरतों की है भैया कौन खबर कल फिर बढ़ जाए
वो जीते जो सबसे पहले ,फूटबाल की टीम बनाये
फिर भी बात मान बीबी की ,लम्बा खत लिखने बैठा हूँ
देती दूध गाय की लात सहूंगा ,बनिए का बेटा हूँ
क्षमा कीजिये श्रीमती जी ,यदि लेटर में कुछ गलती है
क्योंकि लम्बा खत लिखना है ,इसीलिये कविता लिख दी है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-