नारी दिवस और होली
आज नारी दिवस भी है,
होलिका त्योंहार भी है
पर्व कल था जो दहन का
आस्थाओं के दमन का
कुटिलता के नाश का दिन
भक्ति के विश्वास का दिन
शक्ति के उस परिक्षण में
जीत भी है ,हार भी है
आज नारी दिवस भी है,
होलिका त्योंहार भी है
आग भी है, फाग भी है
जलन है अनुराग भी है
दाह भी है, डाह भी है
चाह भी है, आह भी है
अजब है संयोग देखो,
प्यार है,प्रतिकार भी है
आज नारी दिवस भी है,
होलिका त्योंहार भी है
आज उत्सव है मदन का
पर्व है ये मधु मिलन का
प्रीत का,मनमीत का दिन
मचलते संगीत का दिन
आज रंगों में बरसता,
प्यार है,मनुहार भी है
आज नारी दिवस भी है,
होलिका त्योंहार भी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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*1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा*
*अँधेरे में टटोलती हूँ*
*बाट जोहती आँखें*
*मुट्ठी में दबाए*
*शगुन के रुपये*
*सिर पर धरे हाथों का*
*कोमल अहसास*
*सुबह ...
2 घंटे पहले
होलिका त्यौहार और नारी दिवस का अच्छा वर्णन किया है ...आभार
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ .
नारी दिवस और फ़ाग को आपने एक ही कविता में पिरो दिया है।
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक !
प्यार है, प्रतिकार भी है!
जवाब देंहटाएंसार्थक अभिव्यक्ति
होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
सादर
बढ़िया रचना, बढ़िया अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव पर आपको शुभकामनायें !