एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 17 अप्रैल 2016

वरदान

वरदान

एक आधुनिका कन्या ने ,
किताबों में ये पढ़ पढ़ कर
सच्चे मन से आराधना करने पर
भगवान दे देतें है अच्छा वर
तो दूर करने अच्छा पति पाने की समस्या
वह सच्चे मन से करने लगी ,
भगवान  की तपस्या
और एक दिन ,तपस्या से होकर प्रसन्न
अचानक प्रकट हो गए भगवन
और बोले 'वत्से ,वर मांग
किस से भरवाना चाहेगी ,
तू अपनी सूनी मांग
बोल,क्या तुझे राम सा पति चाहिए
कन्या बोली 'प्रभु,थोड़ा रुक जाइये
एक आदमी जो पिता का हो इतना आज्ञाकारी
कि त्याग दे ,हाथ में आया राजपाट ,
और दौलत सारी
और चौदह वर्षों तक जंगलों में रहे भटकता
आज के जमाने में ,
बिलकुल भी प्रेक्टिकल नहीं लगता
लोगों की बातों में आकर ,
अपनी 'इमेज'बनाने के लिए ,
'प्रेग्नेंट'बीबी का करदे त्याग
मै ,कदाचित भी नहीं भरवाना चाहूंगी,
ऐसे पति से अपनी मांग
और फिर आज के जमाने में,
तीन तीन सासों को झेलना ,
नहीं है मेरे बस की बात
प्रभु ,ये वरदान नहीं ,ये तो होगा श्राप
भगवान बोले ठीक है ,
चल तुझे दे देता हूँ कृष्ण सा जीवन साथी
कन्या बोली  घबराती
बोली नहीं नहीं प्रभू,ये भी 'टू मच' है
कृष्ण ,अच्छी 'पर्सनलिटी 'के,
 स्वामी है ,ये सच है
सोलह कलाओं के थे अवतार
पर ऐसा पति भी नहीं है मुझको स्वीकार
युद्ध मे जहां भी जाए ,जीत  कर आये
पर एक नयी पत्नी भी ,साथ में ले आये
मै ,ऐसे व्यक्ति को ,
नहीं बनाना चाहती अपना पिया
जिसकी हो सोलह हजार एक सौ आठ रानियां
मुझे अपने पति पर एकाधिकार चाहिए
खुद के लिए ,ढेर सारा प्यार चाहिए
'प्लेबॉय'वाली इमेज वाला वर
मुझे बिलकुल भी न चाहिए ईश्वर
भगवान बोले चल तुझे ,
विष्णु जैसा पति दिलवा दूँ
कन्या बोली 'नहीं नहीं नहीं प्रभु
मैं नहीं चाहती ,मेरा पति हमेशा ,
शेषशैया पर सोता नज़र आये
और हरदम मुझसे अपने पैर दबवाए
और अचानक बिना कहे सुने ,
अपने किसी भगत गज को ,
ग्राह् से बचाने निकल जाए ,
या दो दलों की लड़ाई में ,
अपने दल को अमृत बांटने ,
औरत का रूप बनाए
वो 'पुरुष पुरातन 'है ,
याने मेरे लिए 'टू ओल्ड' है
प्रभु भी समझ गए ,
ये कन्या बड़ी 'बोल्ड' है
बोले चल तुझे दे देता हूँ ,
ऐसा पति ,जो भोला भंडारी हो ,
जैसे शिव शंकर
नृत्य करने में नटवर
नाचेगा तेरे इशारों पर
तुम दोनों रहना अकेले ,
कैलाश पर्वत के 'हिलस्टेशन'पर
कन्या बोली 'प्रभु ,पर सुना है ,
उनका बड़ा हॉट है टेम्परामेंट'
मुझे नहीं चाहए ऐसा हसबैंड
उनका  'ड्रेस सेन्स ',
मुझे बिलकुल नहीं सुहाता है
जो अपने गले में सांप लटकाता है
ऐसा पति मै कभी भी न चाहूँ
जिसे मै बाहुपाश लेने में भी घबराऊँ 
भगवान ,कन्या के तर्कों से हो गए परेशान
बोले चल तू ही बता ,
कैसे वर का करूँ ,तेरे लिए इंतजाम
कन्या ने कहा प्रभु मुझे देवता नहीं,
आम आदमी से शादी करनी है
जिसके साथ ये पूरी जिंदगी गुजरनी है
ऐसा पति जो सीधासादा पर 'स्मार्ट'हो
जिसे  पत्नी को खुश रखने का आता आर्ट हो
इतना पैसा हो कि मौके बेमौके पत्नी को ,
गोल्ड या डायमंड का सेट दिलवाता रहे
हफ्ते में दो तीन बार ,होटल में खिलवाता रहे
हंसमुख हो ,चंचल हो
'प्लेबॉय'नहींहो ,पर सोशल हो
साल में एक दो बार ,
करवा दे मुझे फॉरेन टूर
कभी  एक दो पेग ले ले ,चलेगा,
पर हो व्यसन से दूर
तबियत का रंगीन हो
म्यूजिक और सिनेमा का शौक़ीन हो
कुकिंग जिसकी हॉबी हो
मुझ पर ना हाबी हो
मेरे इशारों पर चले ,मेरी हर बात माने
पत्नी की पूजा करे ,उसे परमेश्वर माने
कन्या कर  रही थी ,अपने होने वाले ,
पति में पाये जानेवाले गुणों का बखान
भगवान बोले रुक रुक ,बड़ा मुश्किल है ,
तेरे ' रिक्वायरमेंट ' का बन्दा ढूंढ पाना
आजकल बंद है ऐसा प्रोडक्ट बनाना
फिर भी कोशिश करता हूँ ,
अगर हो जाए इंतजाम
और फिर झट से प्रभुजी हो गए अंतर्ध्यान

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

जीवन का स्वाद

जीवन का स्वाद

ना करी छेड़खानी कोई
ना हरकत तूफानी कोई
ना अपनी कुछ मनमानी की
और ना कोई नादानी की
ना इधर उधर ताका,झाँका
ना भिड़ा ,कहीं कोई टाँका
ना करी शरारत कोई से
ना करी मोहब्ब्त कोई से
कोई  पीछे ना भागे  तुम
सचमुच ही रहे अभागे तुम
तुममे उन्माद नहीं आया
जीवन का स्वाद नहीं आया
बस रहे यूं ही फीके फीके
दुनियादारी कुछ ना सीखे
तुमने है जीवन व्यर्थ जिया
बस अपना ही नुक्सान किया
तुमने निज काट दिया यौवन
बस रहे किताबी कीड़े बन
क्योंकि वो ही थी एक उमर
 'एन्जॉय'जिसे करते जी भर
पर तुमने व्यर्थ गंवा डाली
और पैरों में बेड़ी डाली
शादी करके परतंत्र हुए
पत्नीजी से आक्रांत हुए
जिंदगी अब यूं ही बितानी है
अब करना सदा गुलामी है
तिल तिल कर यूं ही घिसना है
दिन रात कामकर पिसना है
जो उमर थी मौज बहारों की
उच्श्रृंखलता की,यारों की
वैसे ही बीत जायेगी अब
चिड़िया चुग खेत जायेगी सब
क्या होगा अब पछताने से
बीते दिन ,लौट न आने के
जीवन का अब यूं कटे सफर
चूं चरर मरर ,चूं चरर मरर  

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

उनकी ख़ुशी-मेरा सुख

  उनकी ख़ुशी-मेरा सुख

कई बार ,
अपनी पत्नी के साथ ,
जब मै ,ताश खेलता हूँ ,
या कोई शर्त लगाता हूँ
तो जीती हुई बाजी भी,
जानबूझ कर हार जाता हूँ
क्योंकि जीतने पर मुझे ,
वो सुख नहीं मिलता है
जो  कि  मुझे तब मिलता है ,
जब  मुझे हरा कर ,
उनका चेहरा ख़ुशी से खिलता है
कई बार ,
मै जानबूझ कर गलतियां करता हूँ ,
क्योंकि उन्हें सुधार कर ,
उनके चेहरे पर ,
जो प्रसन्नता के भाव आते है
मुझे बहुत लुभाते है
कोई काम के लिए ,
जब वह मेरे  पीछे पड़ती है,
मनुहार करती  है
तो थोड़ी देर ना ना करने के बाद ,
जब मै हामी भरता हूँ
तो उनके चेहरे पर जो आती है ,
जीत भरी मुस्कान
जी चाहता है हो जाऊं कुर्बान
कई छोटी छोटी बातों के लिए ,
भले ही सिर्फ दिखाने के लिए ,
मै जब सहायता का हाथ बढ़ाता हूँ ,
उनके चेहरे की ख़ुशी देख,
अत्यन्त सुख पाता हूँ
ये छोटी छोटी बातें ,
जीवन के आनन्द को,
 चौगुना कर  देती है
रोजमर्रा की जिंदगी को,
खुशियों से भर देती है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'


बुधवार, 13 अप्रैल 2016

कोई मेरी बीबी से सीखे

कोई मेरी बीबी से सीखे

-------------------------------------

बचे साबुन को नए से चिपका कर,

दो साबुनों की खुशबुओं का मजा उठाना

टूटी हुई झाड़ू की सूखी डंडियों से

घर के फ्लावर पोट को सजाना

रात की बची हुई खिचड़ी से

सुबह स्वादिष्ट कटलेट बनाना

कोई मेरी बीबी से सीखे

घर और कपड़ो की सफाई के साथ

मेरे पर्स की भी सफाई करना

मुझ जैसे शेर पति को डरा कर

खुद एक काक्रोच से डरना

रोंग नंबर के फोन काल पर भी

घंटों तक लम्बी बातचीत करना

कोई मेरी बीबी से सीखे

पुरानी साडी को काट कर

पर्दा या पेटीकोट बनाना

सेल के चक्कर में,जरुरत से चौगुना

सामान खरीद कर के ले आना

मीठी मीठी बातें बना कर के

मेरी पॉकेट को ढीली करवाना

कोई मेरी बीबी से सीखे

टीवी पर सीरियल के साथ साथ

क्रिकेट की कमेंट्री सुनना

पुराने स्वेटर को उधेड़ कर

नए डिजाईन में बुनना

मेरे पड़ोसिन की तारीफ करने पर

इर्षा से जलना ,भुनना

कोई मेरी बीबी से सीखे

रात को दूध का गिलास पिला कर

मेरी भूख को बढ़ाना

ठंडी ठंडी सी साँसे भर कर

मेरे दिल को जलाना

व्रत और पूजा आराधन करके

मेरे जैसा पति पाना

कोई मेरी बीबी से सीखे

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

घोटूजी के भी अच्छे दिन आने वाले है

     घोटूजी के भी अच्छे दिन आने वाले है

कल हमसे हमारे एक दोस्त मिले
और बोले 'घोटूजी,आप दिख रहे हो कुछ पिलपिले
आपका तो टावर वन है
वो तो रेस्टोरेंट वालों का 'जंकशन'है
'सिनेमन किचन' है 
चल रहा नंबर वन है
'मिस्ट्री ऑफ़ फ़ूड' है
खाना भी 'टू गुड'है
'येलो चिलीज ' है
गजब की चीज है
सुना है'वी ,दी फूडिज 'भी आरहा है
अभी से ललचा रहा है
और खुलनेवाला 'पंजाबी तड़का'है
अभी से रहा भूख भड़का है
टावर टू वालों का 'देशी वाइब्स 'भी मजेदार है
कहते है खाना और सजावट दोनों जोरदार है
इसके बावजूद भी आपका ये हाल है
हो रही पतली दाल है
घोटू बोले यार ये सब तो बड़े बड़े नाम है
ऊंची दूकान है और मंहंगे दाम है
कोई भूले से भी 'इनवाइट ' नहीं करता है
घर की रोटी से ही पेट भरना पड़ता है
मोदीजी कहते है अच्छे दिन आएंगे
देखते है ये कब खाने पर बुलाएंगे
और अगर किस्मत ज्यादा ही जोर मारे
हो सकता है ये हमे ,
अपना 'ब्रांड अम्बेसेडर' ही बनाले

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-